Wednesday, September 14, 2011

Bolte Vichar 15 - पैर छुआने का मर्म

बोलते वि‍चार 15 
बोलते ‍वि‍चार श्रृंखला प्रति‍ बुधवार व रवि‍वार को प्रकाशि‍त की जाती है


बच्चों से माता-पिता आदि के,बहुओं से सास-समुर आदि के और शिष्यों एवं अन्य छोटों से गुरू आदि के पैर क्यों छुआए जाते हैं? वे इसलिए छुआए जाते हैं कि पैर छूने वाले व्यक्‍ति‍ के मन में नम्रता और श्रद्वा के गुण विकसित हों। वह बड़ों को बड़ा मानना सीखे।

बड़ों को बड़ा मानना अच्छे संस्कारों की बात है और स्वयं में एक चारित्रिक गुण है, भले ही हम स्वविवेक से उनकी कुछ या बहुत सी मान्यताओं और स्थापनाओं से सहमत न हों। दूसरों को इज्ज़त देने से अपनी बेइज्ज़ती कभी नहीं होती, उलटे अहंकार का नाश होता है।



हमारे बड़े हमसे अपेक्षित इज्ज़त पाकर हमारे प्रति केवल सद्भाव बनाए रखते हैं, तब भी हम फायदे में ही रहते हैं। ‘श्रद्धावाँल्लभते’ के अनुसार हमें किसी पर श्रद्धा रखने से कुछ-न-कुछ   लब्ध ही होता है।

यों तो नमित होने की चरम स्थिति के द्योतन के लिए ‘सिर, हाथ, पैर, हदय, आँखों, जौंधे, वचन, मन’ आठों से एक साथ जमीन पर लेटकर किया जानेवाला साष्टांग प्रणाम सर्वाधिक महत्‍वपूर्ण प्रणति प्रकार है,पर सिर्फ खुशामद दिखाने के लिए किसीके पैरों पर धड़ से गिर जाना उसे रिश्वत देने के समान है। यदि ऊपरी तौर पर आप किसीके पैर पूजें,पर मन के भीतर उसे उस वक्त गालियाँ देते रहें तो ऐसा नाटक आपको सही आदमी नहीं बनने देगा।

कई बार आधुनिकता का तकाजा पैर छूने-छुआने को पसंद नहीं करता। इसमें कोई परेशानी की बात नहीं है। यदि आपके मन में किसी के प्रति श्रद्धा है और आपका वह बड़ा भी आपसे पैर छुआने में विश्वास नहीं करता है तो जरा सा भी झुकने की ज़हमत मत लीजिए,बस मन के भीतर ईमानदार रहते हुए ऊपर से ‘दुआ-सलाम’ मात्र को अच्छे-से-अच्छे आदर भाव के लिए पर्याप्त समझिए।

कोई अन्य व्यक्ति किसके, कब, कहाँ पैर छू रहा है, इसका हिसाब रखना आपके लिए जरूरी नहीं हैं; आप तो बस पैर छूने-छुआने के मर्म को केवल ‘अपने’और ‘अपने बड़ों’के आपसी संदर्भ तक सीमित रखें। वही आपके लिए उपयोगी है। वही आपके जीवन की गाड़ी को अच्छेपन की दिशा में दूर-दूर तक ले जाएगा।

Production - Libra Media Group Bilaspur (C.G.) India

3 comments:

  1. अच्‍छी प्रस्‍तुति।
    आभार।

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  2. शिक्षा प्रद लेख
    प्रश्न क्या आज की पीडी में यह भावना है क्या ?
    माता पिता निराश क्यों
    धन्यवाद

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  3. CG blog ko kitni tarah se,kitni tarah ke,kitne kitne dhanyavad du,aise mahapurush ki vaani sunvane ke liye?

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